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Salvage

“Sir, market value of your car is Rs. 57,000,” droned the valuator’s mechanical voice on phone, “company calculates salvage at 75%. So Rs. 42,750.” Tears trickled as he mumbled “ok”. “12 years of loyal service”, he thought, “How can they assign a Rupee value?” “So, that’s what he gets attached to?” she wondered, “Inanimate objects.” […]

मिल बाँट के …

आखरी टुकड़ा कॅडबरी का, पानी पूरी की एक प्लेट, वह गर्मी के दिनों में, पानी का आखरी घूँट, मिल के बांटना ही आधा-आधा, करता था उन लम्हों को पूरा| सुनूँ मैं अनचाहा गाना, क्यों कि तुझे वह रिझाये, तुम चलो दोस्तों के साथ, क्यों की दोस्त हैं वो मेरे, मिल के करें समझौता आधा-पौना और […]

यूँ पीठ कर दी

यूँ पीठ कर दी मैने तुम्हारी तरफ, क्यों पीठ कर दी मैने तुम्हारी तरफ?   जानती हूँ मैं, तुम ना सह पाओग टपटपाते आँसू, ना देख पाओगे तुम थरथराते होंठ, यूँ पीठ कर दी मैने तुम्हारी तरफ…   पूछोगे तुम, हुआ क्या? देंगे हम मुस्कान बनावटी. सह ना पाओगे, दर्द अनछुपा. यूँ पीठ कर दी […]

Conversations in Macro

How do countries talk to each other? How do skin colors communicate? How do religions engage in dialogue? From one holy book to another? Through pigment-speak of some kind? In one’s language or the other’s? Or do they have a translator or two? Country A and B are in talks together with country C as […]