One who falls in love has to be a masochist, right? For is there a better form of self-torture than falling in love. जब तबियत किसी पे आती है, मौत के दिन करीब होते हैं … (आप जिनके करीब होते हैं, वो बड़े खुशनसीब होते हैं…)
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Category: Hindi
eco-unfriendly mohabbat
pyaar mera non-biodegradable ishq tha par unka recyclable deforested se mann mein unse, khushiyo ki aayi thi biodiversity dheere-dheere bane the hum, ek doosre ki energy alternate wali duniya saari lagne lagi thi, jaise hai wo zero emission carbon footprint hi jaise, ho gaya ho sabka none par kaise ho sakta tha ye sustainable? emotional […]
मौसम
बरसते बादल दिन में और बरसातों वाली रात हैं सुकून के सिलसिले, जल्द आएंगी सूखी सर्द हवाएं, फिर इक बार अाहों को बहलाने, गर्मी की लू भी ले ही आयेंगी रंगारंग फूलों वाली गालियां जैसे होता है हर बार, ठीक वैसे ही जैसे तुझसे जुदाई का मौसम है बरक़रार सालोसाल।
प्यार स्वादानुसार
मेरी बातों में खुद को न खोज, ऐ दीवाने, कहीं हर लफ्ज़ में खुद को पा के परेशान तू न हो जाए। मुस्कुराता देखना चाहते तो हो मुझे तुम हर दम, पर क्या हो, अगर हर मुस्कान की वजह तुम हो जाओ। मेरे पीछे से, हर कदम पर मेरे सलामती हो चाहते, बस पलट के […]
वादा
लफ़्ज़ों-वाले वादे चलो छोड़े देतें हैं काहे अल्फ़ाज़ों का बोझ उठाए तुम और हम? नज़रें कर लेतीं हैं गिरते-उठते जो, दस्तखत कहीं लगते हैं ऐसे वादों को? उँगलियाँ तुम्हारी छूकर निकल गई जो मुझे उछाल गई एहसास, हज़ारों-करोड़ो से, आँखों को चूमना, आंसुओं को पीना, लबों के कोनो को तुम्हारे, मुस्कुराहटों में बदलना… ये सारे […]
Koshish
मिली हवाओं में उड़ने की सज़ा यारों, कि मैं ज़मीन के रिश्तों से कट गया यारों। ~ वसीम बरेलवी ~ ~ ~ हवाओं में उड़ने से रिश्ता जो कट गया यारों, रिश्ता वो नहीं, वहम है वो मन का, यारों। उड़ना चाहूँ, ज़मीन पर भी मैं रहना चाहूँ निभा न सके इतना, कच्चा रिश्ता मेरा […]
सूखे आँसू
ख़त्म हुई बातें प्यारा भी न रहा ये सन्नाटा खूबसूरत थी वो तड़प अब है खरोचती ये बेक़रारी दे दी खुशियाँ हो गये शुरू ये ग़म बह गये सारे रह गयीं ख़ाली ये आँखें कौन सम्भाले सिवाय मेरे अब ये उदासी?
मिल बाँट के …
आखरी टुकड़ा कॅडबरी का, पानी पूरी की एक प्लेट, वह गर्मी के दिनों में, पानी का आखरी घूँट, मिल के बांटना ही आधा-आधा, करता था उन लम्हों को पूरा| सुनूँ मैं अनचाहा गाना, क्यों कि तुझे वह रिझाये, तुम चलो दोस्तों के साथ, क्यों की दोस्त हैं वो मेरे, मिल के करें समझौता आधा-पौना और […]
यूँ पीठ कर दी
यूँ पीठ कर दी मैने तुम्हारी तरफ, क्यों पीठ कर दी मैने तुम्हारी तरफ? जानती हूँ मैं, तुम ना सह पाओग टपटपाते आँसू, ना देख पाओगे तुम थरथराते होंठ, यूँ पीठ कर दी मैने तुम्हारी तरफ… पूछोगे तुम, हुआ क्या? देंगे हम मुस्कान बनावटी. सह ना पाओगे, दर्द अनछुपा. यूँ पीठ कर दी […]
मुलायम
सर्द मुलायम सी है ये तन्हाई, सिलवटें है सुलझ रही, सहलाता था जैसे छूना तेरा, माथे की शिकनों को हटाता हुआ, नर्म सी थी तेरी आवाज़ भी गहरी, हैं वैसी ही ख़ामोशियाँ ये सारी, ठहरी सी तेरी नज़र इन कन्धों पर, पिघलाता ग़म जो था लबों पर, मुलायम था जैसे तेरा […]