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भीड़ बीच अकेले?

अकेले? कैसे कहें खुद को अकेला, जब रहतें है उनके ही साथ, हमेशा? कब होता है पल अकेला? जब ख़यालो में न आयें, हम उन के? हाँ, उस ख्य़ाल बिना है मन अकेला. बात हुई कोई, जो बतायें किसी को, तो मन हो जाए हल्का शायद, पर ढूढ़ें हम, सिर्फ एक उन्हें उनका छूना, गीला […]

नींद

क़यामत की बला है ये नींद, जब कभी मायूस गुज़रता है दिन, नहीं आती कि, “क्या कमी थी?” अौर जब खुशी के कुछ पल हो हो दिन में, पलकें मूंदने की तबियत नहीं बनती

अचानक

जब कभी किसी का बेइन्तहाँ इन्तज़ार होता है मन को, अक्सर वो पल, वो लोग आते नहीं, बस इन्तज़ार सताता है. चलो, इन्तज़ार ही छोड़ देते हैं, जो होगा अचानक, उसी का लेंगे मज़ा. तो लो छोडं दिया इन्तज़ार, अब सिर्फ कुछ अचानक होने का इन्तज़ार है.

सवाल – झिझकते से

ज़रा सी खास है तुम्हारी छोटी सी बात, क्या तुम्हें भी है हल्का सा इन्तज़ार कल का – उस simple से hi-hello और good-bye का?   मुस्कुराती हूँ बिन बात silly-silly सी क्या तुम भी गुनगुनाते हो गाने जो नहीं कुछ खास?   नब्ज़ मेरी तेज़ है तुम्हारे ख्याल से, क्या तुम्हारा भी दिल धडकता है […]

कैसे कहूँ?

कैसे कहूँ इस दिल को कि अब उन्हें न चाहे, है इक तर्फा प्यार हमारा, ये जो अब सच है?   कैसे कहूँ इस दिल को, तू इस तन को चला हर पल, पर मन को न करने दे हलचल?   कैसे कहूँ, उड़ जा तू चाहे जहाँ, पर उस एक को सोचना है तुझे […]

sirf

sirf

  सिर्फ तेरी गोद में सर रख सो जाना है बस सिर्फ तेरी गोद में सर रख, सो जाना है बालों में हाथ न फेरना, कोई बात नहीं, कोई सवाल न करना, न कोई बात छेड़ना, मुझे अकेला है रहना, पर सिर्फ तेरी गोद में सर रख सो जाना है मुझे शर्मिंदा न करना, सिसकियों […]