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Sunglasses

He sat there on the first seat of the bus, right next to the door. I saw him even as I fumbled my way up the steps into the bus, files in one hand, big bag in another, head inclined to keep my sunglasses from falling off. It was full. The bus, it was full. […]

अचानक

जब कभी किसी का बेइन्तहाँ इन्तज़ार होता है मन को, अक्सर वो पल, वो लोग आते नहीं, बस इन्तज़ार सताता है. चलो, इन्तज़ार ही छोड़ देते हैं, जो होगा अचानक, उसी का लेंगे मज़ा. तो लो छोडं दिया इन्तज़ार, अब सिर्फ कुछ अचानक होने का इन्तज़ार है.

सवाल – झिझकते से

ज़रा सी खास है तुम्हारी छोटी सी बात, क्या तुम्हें भी है हल्का सा इन्तज़ार कल का – उस simple से hi-hello और good-bye का?   मुस्कुराती हूँ बिन बात silly-silly सी क्या तुम भी गुनगुनाते हो गाने जो नहीं कुछ खास?   नब्ज़ मेरी तेज़ है तुम्हारे ख्याल से, क्या तुम्हारा भी दिल धडकता है […]